
बुध ग्रह का अध्ययन अब तक बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन हाल ही में बिपीकॉलोम्बो मिशन द्वारा भेजे गए चित्रों ने इस ग्रह के कुछ गहरे रहस्यों को उजागर किया है। इन नजदीकी चित्रों में Mercury’s Icy Craters और विशाल ज्वालामुखीय मैदानों के बारे में नई जानकारी मिली है, जो ग्रह के सबसे कम समझे गए हिस्सों को दिखाती हैं। इस जानकारी से यह भी पता चला है कि बुध के कुछ गहरे गड्ढों में जल बर्फ के रूप में जमा हो सकता है, जो एक महत्वपूर्ण खोज है। यह चित्र 2026 में बुध के चारों ओर कक्षा में प्रवेश करने से पहले बिपीकॉलोम्बो मिशन द्वारा ली गई अंतिम उड़ान के परिणामस्वरूप प्राप्त हुए हैं।
1. बुध ग्रह के बर्फीले गड्ढे

Mercury’s shadowy north pole revealed by M-CAM 1. This is one of a series of images taken by the ESA/JAXA BepiColombo mission on January 8, 2025, as the spacecraft sped by for its sixth and final gravity assist maneuver at the planet. Flying over Mercury’s north pole gave the spacecraft’s monitoring camera 1 (M-CAM 1) a unique opportunity to peer down into the shadowy polar craters. (See image without labels.) Credit: ESA/BepiColombo/MTM
Mercury’s Icy Craters की खोज ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। बुध का तापमान इतनी ऊंचाई पर होता है कि यह ग्रह सूर्य के सबसे करीब होने के बावजूद वहां जल का जमना असंभव सा लगता है। फिर भी, बिपीकॉलोम्बो मिशन द्वारा किए गए इस नवीनतम अध्ययन में, बुध के कुछ गहरे गड्ढों में स्थायी रूप से छाए हुए क्षेत्र पाए गए हैं, जिनमें जल बर्फ के रूप में जमा हो सकता है। इन गड्ढों का तापमान इतना कम है कि सूर्य की रोशनी कभी उन तक नहीं पहुंचती, जिसके कारण यह क्षेत्र स्थायी रूप से ठंडे रहते हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इन गड्ढों में जल बर्फ का भंडार हो सकता है, जो बुध के विकास और इसके जल स्रोतों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है। यह खोज इस बात की संभावना को भी जन्म देती है कि बुध पर जल हो सकता है, जो भविष्य में जीवन की संभावना को लेकर महत्वपूर्ण हो सकता है।
2. ज्वालामुखीय मैदान और विस्फोटित क्षेत्र
बुध के उत्तरी ध्रुव के पास बिपीकॉलोम्बो ने volcanic plains और बड़े प्रभाव गड्ढों को भी देखा। विशेष रूप से Borealis Planitia नामक विशाल ज्वालामुखीय मैदान ने वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया है। यह मैदान बुध का सबसे बड़ा “स्मूथ प्लेन” है, जिसे लगभग 3.7 अरब साल पहले विस्फोटक लावा के फैलने से बनाया गया था। इस लावे ने बुध की सतह को इस प्रकार ढक लिया कि यह लावा मौजूदा गड्ढों के अंदर चला गया और वहां उसे ठंडा होने का अवसर मिला। इस प्रक्रिया के कारण सतह पर कड़े और मुड़े हुए लकीरें बन गईं।
बिपीकॉलोम्बो के द्वारा ली गई एक और तस्वीर में इस मैदान के विस्तृत क्षेत्र का चित्रण किया गया है, जिसमें Mendelssohn और Rustaveli जैसे गड्ढे दिखाई देते हैं। ये गड्ढे लावे द्वारा भर दिए गए थे और अब उनकी सतह पर कुछ छोटे, नए प्रभाव गड्ढे बने हुए हैं।
3. महत्वपूर्ण प्रभाव गड्ढा: Caloris Basin

Caloris Basin बुध का सबसे बड़ा प्रभाव गड्ढा है, जो लगभग 1500 किमी (932 मील) व्यास का है। यह गड्ढा बुध की सतह पर होने वाले सबसे शक्तिशाली प्रभावों में से एक का परिणाम है। इस गड्ढे के निर्माण ने बुध की सतह पर व्यापक भूकंपीय गतिविधि को उत्पन्न किया था, और इसके परिणामस्वरूप कई किलोमीटर दूर तक इसकी असर दिखी। इसके अलावा, गड्ढे के अंदर और बाहर गहरे खांचे और लकीरें दिखाई देती हैं, जो इसके प्रभाव के निशान हैं।
अधिक दिलचस्प यह है कि इस गड्ढे के चारों ओर लावे के बहाव के संकेत मिलते हैं, जो संभवतः इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि लावा इस गड्ढे के अंदर से बाहर निकलता है या फिर इसके अंदर से बाहर फैलता है। यह एक और महत्वपूर्ण रहस्य है जिसे बिपीकॉलोम्बो मिशन अपने आगामी अध्ययनों में हल करने की कोशिश करेगा।
4. नए और पुराने प्रभाव: युवा विशेषताएँ

बुध की सतह पर कई स्थानों पर हाल ही में हुए प्रभाव भी पाए गए हैं, जो यह दिखाते हैं कि बुध के कुछ हिस्सों में आज भी सक्रिय भौगोलिक परिवर्तन हो रहे हैं। बिपीकॉलोम्बो मिशन के M-CAM कैमरों ने बुध की सतह पर युवा क्रेटरों और ज्वालामुखीय क्षेत्रों की तस्वीरें ली हैं, जो नए प्रभावों का परिणाम हैं। इनमें से एक प्रमुख क्षेत्र Nathair Facula है, जो बुध के सबसे बड़े ज्वालामुखीय विस्फोट का परिणाम है।
इस क्षेत्र में एक ज्वालामुखीय वेंट है, जो लगभग 40 किमी (25 मील) व्यास का है और यहां कम से कम तीन प्रमुख विस्फोट हुए हैं। इसके अलावा, Fonteyn Crater का उदाहरण भी दर्शाता है कि बुध की सतह पर होने वाले प्रभावों का असर कितनी जल्दी हो सकता है, क्योंकि यह क्रेटर केवल 300 मिलियन साल पुराना है।
5. बुध के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य और बिपीकॉलोम्बो का योगदान

बिपीकॉलोम्बो मिशन ने बुध ग्रह के बारे में जो जानकारी दी है, वह भविष्य में इस ग्रह को समझने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। वैज्ञानिक इस मिशन से प्राप्त डेटा के आधार पर यह समझने की कोशिश करेंगे कि बुध का निर्माण कैसे हुआ और इसका आंतरिक संरचना कैसी है। इसके अलावा, बिपीकॉलोम्बो मिशन बुध की सतह, आंतरिक संरचना और चुंबकीय क्षेत्र के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान करेगा।
बुध ग्रह के icy craters और volcanic plains पर किए गए इन नए अध्ययनों से हम इस ग्रह के बारे में नई जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, जो इसके रहस्यों को उजागर करने में मदद कर रही है। बिपीकॉलोम्बो मिशन के परिणामस्वरूप यह ग्रह अब पहले से कहीं अधिक रोचक और महत्वपूर्ण बन गया है। आने वाले वर्षों में जब यह मिशन बुध के कक्षीय अध्ययन को प्रारंभ करेगा, तो हमें इस ग्रह के बारे में और अधिक चमत्कारी जानकारी मिलने की उम्मीद है।